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स्कूल शिक्षक पेड़ पर चढ़कर लगाते हैं हाजिरी !

स्कूल शिक्षक पेड़ पर चढ़कर लगाते हैं हाजिरी !

पलामू (झारखंड) । केंद्र सरकार देश में डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन धरातल पर इस योजना का बुरा हाल है। राज्य के पलामू और चतरा जिले के कई स्कूलों के शिक्षकों को हर रोज अपनी ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करवाने के लिए पेड़ पर चढ़ना पड़ता है। शिक्षकों की पेड़ पर, स्कूल की छत पर या टावर पर चढ़कर हाजिरी लगाना मजबूरी हो गई है। दरअसल दिक्कत यह है कि यहां पर इंटरनेट कनेक्शन ज्यादातर खराब रहता है। जिसकी वजह से हर रोज अध्यापकों को स्कूल परिसर में खड़े पेड़ पर चढ़कर इंटरनेट कनेक्शन का इंतजार करना पड़ता है। यदि ये शिक्षक रोज ऑनलाइन अपनी हाजिरी दर्ज नहीं करवाएंगे तो उनका वेतन काट लिया जाएगा। 

सुबह के समय पलामू और चतरा जिले के कई स्कूलों का अलग ही नजारा रहता है । यहां हर सुबह 12वीं तक के स्कूल के अध्यापक पेड़ पर चढ़े हुए देखे जा सकते हैं। हाजिरी दर्ज करने में देर न हो जाए, इस डर की वजह से शिक्षक पढ़ाने के बदले ऐसी ऊंची जगह की तलाश में जुट जाते हैं, जहां नेटवर्क काम करे, और उनकी हाजिरी लग सके। दरअसल उन्हें सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के तहत बायोमीट्रिक सिस्टम से अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करवानी पड़ती है। इसके लिए उन्हें टैबलेट दिए गए हैं, जिनके साथ बायोमेट्रिक रीडर कनेक्ट हैं। एक अध्यापक का कहना है कि 'हमारे स्कूल परिसर में इंटरनेट की कोई कनेक्टिविटी नहीं है। हमें पेड़ पर चढ़कर इंटरनेट के आने का इंतजार करना पड़ता है। तब कहीं जाकर कमजोर 2जी नेटवर्क मिल पाता है।' वहीं सबसे बड़ी परेशानी की बात यह है कि स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक 40 की उम्र को पार कर चुके हैं, इसलिए सभी हर रोज पेड़ पर नहीं चढ़ सकते हैं। क्योंकि इससे हादसा होने का खतरा है। 'जब टैबलेट इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होते हैं तो हमें रजिस्टर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी पड़ती है। कम से कम कोई तो रिकॉर्ड रहता है।' हालांकि मामले के मीडिया में आने के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा कि बॉयोमीट्रिक सिस्टम से हाजिरी बनाने को लेकर कुछ दिक्कतें आ रही हैं। नेटवर्क की समस्या से विभाग को अवगत कराया जाएगा। 

आपको बता दें कि वर्ष 2017 में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने ज्ञानोदय योजना की शुरुआत की थी। इसके बाद राज्य सरकार ने स्कूलों को टैबलेट बांटे थे। इन टैबलेट के अंदर पहले से ही ई-विद्या वाहिनी ऐप मौजूद है, जो अध्यापकों की बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करने, छात्रों के दाखिले और स्कूल छोड़ने वाले बच्चों इत्यादि के रिकॉर्ड को मॉनिटर करता है। वहीं इंटरनेट सेवा खराब होने की वजह से इस योजना को पलीता लग रहा है। 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार