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FIR न दर्ज करने पर छात्रा ने की आत्महत्या

FIR न दर्ज करने पर छात्रा ने की आत्महत्या

इंदौर (मध्य प्रदेश)। छेड़छाड़ और पुलिस की मनमानी के चलते आत्महत्या करने वाली 10वीं छात्रा के परिजनों ने फूटी कोठी चौराहे पर चक्काजाम कर दिया। और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नाराज लोगों ने आरोप लगाया कि आरोपी की मां उन्हें खुली धमकी देती है कि पुलिस को पैसा जाता है, वह मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। इसी के चलते ही पुलिस ने कार्रवाई नहीं की और छात्रा ने आत्महत्या कर ली। हालांकि पुलिस उप महानिरीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा ने कहा कि मृतका की शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने पर एसआई ओंकार कुशवाह को निलंबित कर दिया गया है। और आरोपी युवक पर केस दर्ज कर उसे और उसके माता-पिता और भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सौंपी दी गई है।" 

आपको बता दें कि द्वारका थाना क्षेत्र के प्रजापत नगर की रहने वाली 10वीं की नाबालिग छात्रा को कई दिनों से मिलन चौहान नाम का युवक परेशान कर रहा था। वह आए दिन उसका पीछा करता था और छेड़छाड़ करता था। जब छात्रा के परिजन युवक के घर समझाने गए तो युवक की मां माया ने उलटा उन पर तेजाब फेंकने की धमकी देते हुए कहा था कि चाहे कितनी ही पुलिस आ जाए। मेरे बेटे का कुछ नहीं कर सकती। पुलिस को पैसा जाता है। और पुलिस उसकी जेब में रहती है। इतना ही नहीं गुरुवार को मिलन ने अपहरण करने की धमकी दी तो छात्रा शाम चार बजे पिता के साथ थाने गई, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। पुलिस की इस मनमानी से परेशान होकर में रात 9.30 बजे छात्रा ने आत्महत्या कर ली। उसने सुसाइड नोट में मिलन चौहान द्वारा परेशान किए जाने का जिक्र किया है। छात्रा ने पिता से माफी मांगते हुए सुसाइड नोट में लिखा है कि आरोपी उसे सोशल साइट पर ब्लैकमेल करने की धमकी देता था।   

मृतक छात्रा के भाई का कहना है कि उसकी बहन गुरुवार को शिकायत करने पिता के साथ थाने गई थी। पुलिस ने दोनों को दो घंटे तक थाने में बैठा रखा था। जब बहन ने आवेदन लिखने के लिए एएसआई संध्या उर्मलिया से पेन और कागज मांगा था तो उन्होंने कागज देने से मना कर दिया। कार्रवाई नहीं होने से निराश दोनों लोग घर लौट आए थे। उसके बाद बहन ने खुदकुशी कर ली। उसने आरोप लगाया कि पुलिस वक्त पर सख्ती दिखाकर कार्रवाई कर देती तो उसकी बहन जिंदा होती। जबकि एएसआई उर्मलिया ने बताया कि जब छात्रा शिकायत लेकर आई थी, तब ड्यूटी ऑफिसर ओंकारसिंह कुशवाह मौजूद थे। छात्रा के कहने पर दो पुलिसकर्मियों को आरोपित के घर भेजा गया था, लेकिन वह नहीं मिला, तो उसकी मां सोनम को बेटे के साथ थाने आने के लिए कहा गया। वहीं कागज उपलब्ध नहीं होने से छात्रा को वह दे नहीं पाए थे। 

हालांकि मामले के तूल पकड़ने के बाद छात्रा की आत्महत्या के मामले में द्वारकापुरी पुलिस ने शुक्रवार को प्रजापत नगर निवासी आरोपित मिलन चौहान, मां सोनम, पिता विनोद सहित एक नाबालिग भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने के बाद छात्रा के परिजन शव लेकर उदयपुर (राजस्थान) चले गए। अब देखना है यह कि पुलिस आरोपी युवक को सजा दिलवाती है या फिर मामला ठंडा होने के बाद इस केस को भी ठंडे बस्ते में डाल देती है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार