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अनाथ बच्चे ने पुलिस की रिश्वतखोरी को सरेआम किया नंगा

अनाथ बच्चे ने पुलिस की रिश्वतखोरी को सरेआम किया नंगा

वैशाली (बिहार)। वैशाली जिले में एक अनाथ गरीब बच्चे ने पुलिस की रिश्वतखोरी को सरेआम नंगा कर दिया। 12 साल के बच्चे विवेक ने थानेदार को रिश्वत देने के लिए गले में एक तख्ती लटकाई । जिस पर लिखा था कि थानेदार को 10 हजार रूपये रिश्वत देने में मेरा सहयोग कीजिये। दरअसल इस गरीब बच्चे की जमीन पर दबंगों ने कब्ज़ा कर लिया है। इसी जमींन पर से कब्ज़ा हटवाने के लिए वह पुलिस थाने पंहुचा था, लेकिन थानेदार ने मदद की एवज में उससे 10 हजार रूपये की रिश्वत मांगी। जिसके बाद बच्चे ने इस अनोखे तरीके को अपनाया। बच्चा भीख मांगते हुए कलेक्ट्रेट के पास पहुंचा तो कलेक्ट्रेट कार्यालय में हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी बच्चे से मिले और मामले की जाँच के निर्देश दिए। जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुँचकर मामले की जाँच शुरू की। डीडीसी सर्वनारायां का कहना है कि पूरे मामले को गंभीरता से लिया जायेगा। अनाथ बच्चे को जरूर न्याय मिलेगा।                                         

आपको बता दें कि यह अनाथ बच्चा वैशाली जिले के चेहराकलां गांव का रहने वाला है। वह अपनी जमीन को दबंगों के कब्जे से छुड़ाने के लिए ओपी थाना प्रभारी राकेश रंजन से गुहार लगाने गया था, राकेश रंजन ने मदद करने की एवज में उससे 10 हजार रूपये की रिश्वत मांगी। मासूम विवेक का कहना है कि उसके पास इतने पैसे नहीं है कि वह थानेदार को रिश्वत दे सके। इसीलिए उसने भीख मांगने का रास्ता चुना , ताकि वह अपनी जमीन मुक्त करा सके।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार