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बैंक खातों और मोबाइल नंबर को लिंक कराने की बढ़ी समय सीमा

बैंक खातों और मोबाइल नंबर को लिंक कराने की बढ़ी समय सीमा

नई दिल्ली। यदि आपने अभी तक आधार नंबर को बैंक अकाउंट, मोबाइल फोन या फिर किसी और सरकारी सेवा से लिंक नहीं कराया है तो आपको परेशान होने की बिल्कुल जरुरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर समेत सभी सरकारी सेवाओं से आधार लिंक करने की सीमा अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने कहा कि सरकार आधार लिंकिंग पर किसी को बाध्य नहीं कर सकती। हालांकि, अदालत ने ये भी कहा कि लाभकारी योजनाओं और सब्सिडी के मामलों मे आधार लिंक की समय सीमा पहले की तरह लागू रहेगी। 

मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविल्कर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण भी पीठ के सदस्य थे। केन्द्र सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने प्रतिपक्षियों की मांग पर कहा कि अगर कोर्ट को ठीक लगता है तो वह आधार लिंक कराने की समय सीमा 31 मार्च से आगे बढ़ा सकता है लेकिन इससे आधार कानून की धारा 7 के तहत सब्सिडी के नगद भुगतान व लाभ तथा सेवाओं को अलग रखा जाए। कोर्ट ने अटार्नी जनरल का अनुरोध स्वीकार करते हुए सेवा, सब्सिडी और लाभ के मामलों को छोड़ कर बाकी के लिए आधार लिंक कराने की 31 मार्च की तय तिथि सुनवाई पूरी होने और फैसला आने तक बढ़ा दी है। 

इसके अलावा जिस तरह से बैंक में नया खाता खुलवाने के समय आधार कार्ड न होने पर आधार के लिए आवेदन करने की अर्जी का नंबर देने से खाता खुल जाता है वही नियम तत्काल के तहत पासपोर्ट बनवाने के मामले में लागू होगा। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आधार लिंक कराने की समय सीमा 31 मार्च से आगे बढ़ाने वाले अपने आदेश में गत 15 दिसंबर के आदेश का हवाला दिया है जिसमें बैंक में नया खाता खोलने के लिए तय की गई व्यवस्था का जिक्र है। कोर्ट ने कहा है कि यही प्रक्रिया पासपोर्ट बारे में भी लागू होगी। आधार कानून की वैधानिकता पर मंगलवार को भी सुनवाई जारी रही। जिसमें याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम ने अपनी बहस पूरी कर ली। वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन बुधवार को बहस करेंगे। 

गौरतलब है कि आधार को बैंक खाते, मोबाइल नंबर और तमाम सेवाओं से लिंक कराने की समय सीमा 31 मार्च तक थी। सरकार के मुताबिक हर बैंक खाते को 12 डिजिट के यूनीक आईडेंटिटी नंबर (आधार) के साथ 31 मार्च 2018 तक हर हाल में जोड़ा जाना अनिवार्य है। इतना ही नहीं आधार कार्ड को पैन से जोड़ा जाना भी अनिवार्य है। ऐसा न करने पर आपका आईटीआर रिटर्न स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। वहीं अगर आप अपने बैंक खाते से आधार को लिंक नहीं कराएंगे तो आपके बैंक खाते को फ्रीज भी किया जा सकता है। 

आपको बता दें कि बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर से आधार लिंक करना जरूरी किए जाने के नियम को कोर्ट में चुनौती दी गई है। पिटीशनर्स का कहना है कि ये गैर-कानूनी और संविधान के खिलाफ है। पिटीशन में कहा गया है कि यह नियम संविधान के आर्टिकल 14, 19 और 21 के तहत दिए गए फंडामेंटल राइट्स को खतरे में डालता है। हाल ही में 9 जजों की की कॉन्स्टीट्यूशन बेंच ने कहा था कि राइट ऑफ प्राइवेसी फंडामेंटल राइट्स के तहत आता है।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार