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#gram_pradhan ग्राम प्रधान/ सरपंच को कैसे हटाया जा सकता है?

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#gram_pradhan ग्राम प्रधान/ सरपंच को कैसे हटाया जा सकता है?

पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत जब से ग्राम पंचायतों में गांव के विकास की योजनाओं के लिये करोड़ों रुपये सरकारी धन आने लगा है तब से जिले, तहसील और विकास खंड में बह रहा भ्रष्टाचार का गंदा नाला, ग्राम पंचायत में भी बहने लगा है। ग्राम प्रधान, ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत करके सरेआम इस कारनामे को अंजाम दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार के इस नाले की सड़ांध भरी बदबू से गांव के लोगों का दम घुट रहा है, और वह इससे मुक्ति पाने के लिये छटपटा रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की एंटीबॉडी इतनी मजबूत है कि वह भष्टाचार के इस नाले को रोकने की बजाय स्वयं भी इसकी सड़ांध भरी बदबू का सुख लेने में जुटे हुये हैं। और ग्राम प्रधान से साथ मिलकर इंटरलॉकिंग, नाली, शौचालय, आवास आदि के धन को खुलेआम लूट रहे हैं। यदि आप भी इस तरह के भ्रष्टाचार के कारण परेशान हैं तो अब आपको परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि पंचायती राज अधिनियम ने ग्राम प्रधान को अपने गांव के विकास के लिये कई शक्तियां दी हैं तो वहीं संविधान ने कुछ शक्तियां गांव के मतदाताओं को भी दी हैं। यदि ग्राम प्रधान भ्रष्टाचार में लिप्त है और आपने गांव का विकास नहीं कर रहा है तो पंचायतीराज अधिनियम की धारा 14 आपको अपने गांव के प्रधान को हटाने की शक्ति प्रदान करती है। और आप अपने गांव के प्रधान को हटा सकते हैं। हमारी वेबसाइट: http://adhikarexpress.com/.in Follow us- Website- https://adhikarexpress.com/ or .in/ Facebook- https://www.facebook.com/adhikarexpress1 Twitter- https://twitter.com/adhikarexpress1 Koo- https://www.kooapp.com/feed/adhikarexpress For any complaint or suggestion mail to This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.. उपयोग की शर्तें (Disclaimer) मित्रों, अधिकार एक्सप्रेस एक स्टार्ट-अप ऑनलाइन समाचार चैनल है। इसका संचालन अधिकार एक्सप्रेस फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है। अधिकार एक्सप्रेस का उद्देश्य जनता को लोक सेवा अधिकारों के प्रति जागरुक करने के साथ ही उन तक सच्चे समाचार पहुंचाना है। लोकसेवा अधिकारों से जुड़ी जानकारियां संबंधित सरकारी विभाग की अधिकारिक वेबसाइट, समाचारों की वेबसाइट और समाचार पत्रों से ली जाती हैं। इसलिये इन जानकारियों का उपयोग करने से पहले संबंधित विभाग की अधिकारिक वेबसाइट को अवश्य देख लें। हालांकि इस वेबसाइट पर सामग्री की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए गए हैं, फिर भी इसे कानून के एक साक्ष्य के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए या किसी कानूनी उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपयोग से उत्पन्न होने वाले या डेटा के उपयोग से उत्पन्न होने वाली किसी भी घटना के तहत अधिकार एक्सप्रेस, बिना किसी सीमा के हानि या नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं होगा। इसलिए प्रत्येक जानकारी की समीक्षा अन्य श्रोंतों से भी कर लें।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार