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यातायात पुलिस ने मुर्दे को भेजा चालान नोटिस !

यातायात पुलिस ने मुर्दे को भेजा चालान नोटिस !

जयपुर (राजस्थान)। देश में नए मोटर वाहन अधिनियम के लागू होने के बाद पुलिस चालान काटने के नए-नए रिकॉर्ड बना रही है। वही राजस्थान के झालावाड़ में परिवहन विभाग ने चालान का एक अनोखा रिकॉर्ड बना डाला है। उन्होंने 8 वर्ष पहले मर चुके राजेंद्र कसेरा नाम के व्यक्ति के लाइसेंस को निलंबित करने का नोटिस भेज दिया है। और लाइसेंस की मूल प्रति के साथ जिला परिवहन कार्यालय में बुलाया है।

आपको बता दें कि झालावाड़ शहर के रहने वाले राजेंद्र कसेरा का निधन 5 सितंबर, 2011 को हो गया था। परिवहन कार्यालय ने डाक से 11 सितंबर को भेजे अपने नोटिस में राजेंद्र कसेरा को लिखा कि वह बिना बेल्ट लगाए तेज गति से वाहन चलाते हुए पाए गए थे । इसलिए विभाग ने उनको दोषी मानते हुए लाइसेंस निलंबन के लिए नोटिस भेजा है। विभाग ने लाइसेंस की मूल प्रति के साथ 23 सितंबर को जिला परिवहन कार्यालय में बुलाया है। यह भी लिखा है कि यदि वह तय दिन उपस्थित नहीं होंगे तो एकतरफा कार्रवाई करते हुए उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा। वहीं परिवहन विभाग के इस पत्र को पाने के बाद मृतक राजेंद्र कसेरा के परिजन हैरान हैं। मृतक के पुत्र का कहना है कि उनके पिता का लाइसेंस दो पहिया वाहन का था, जो 2014 तक ही वैध था। 

वहीं इस मामले में जिला परिवहन अधिकारी समीर जैन का कहना है कि पुलिस ने चालान किया होगा और लाइसेंस निलंबन को लेकर हमारे यहां पत्र भेजा होगा। हमने लाइसेंस निलंबित करने से पूर्व जिसके नाम से लाइसेंस था उन्हें सूचना दी। अब आदमी जिंदा है या नहीं हमें इसकी जानकारी नहीं है।

हैरानी की बात यह है कि जिले का एक जिम्मेदार परिवहन अधिकारी जब इतनी लापरवाही से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा है तो भला परिवहन विभाग के पुलिसकर्मियों से भला क्या कोई उम्मीद की जा सकती है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार