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अस्पताल में आटे का बच्चा मिलने से हड़कंप !

अस्पताल में आटे का बच्चा मिलने से हड़कंप !

मुरैना (मध्य प्रदेश)। देश में धोखाधड़ी के मामले आए दिन देखे और सुने जाते हैं। लेकिन मुरैना के कैलारस अस्पताल में ऐसा अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। शुक्रवार को अस्पताल में जननी एक्सप्रेस से तीन महिलाएं आयीं और अस्पताल प्रबंधन से कहा कि उनके साथ आयी प्रसूता के बच्चे की मौत हो गयी है, इसलिए प्रसूता को भर्ती करके उसका नाम प्रसूता सहायता राशि में दर्ज किया जाए। वहीं जब डॉक्टर ने मृत बच्चे की जांच की तो वह आटे का निकला। लोग इन महिलाओं को पकड़ पाते इससे पहले ही वह अस्पताल से फरार हो गयी ।

बताया जा रहा है कि तीन महिलाएं जननी एक्सप्रेस से एक महिला व कपड़े से ढके नवजात को लेकर कैलारस अस्पताल पहुंची। इन महिलाओं ने अस्पताल के प्रसूति विभाग में बताया कि उनके साथ आयी महिला की डिलिवरी घर पर ही हो गयी है, जिसमें उनका बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ है। इसलिए महिला को प्रसूति विभाग में भर्ती करके उसका नाम प्रसूति सहायता राशि के दस्तावेजों में दर्ज किया जाय। इसकी सूचना मिलने पर कैलारस के चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस आर मिश्रा मौके पर पहुंचे और मृत बच्चे के ऊपर का कपड़ा हटाकर देखा तो नवजात आटे का बना हुआ निकला। इसके अलावा उस पर लाल रंग लगा हुआ था। इस अजीबो-गरीब घटना के सामने आते ही महिलाएं मौके से भाग निकलीं । इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस अस्पताल पहुंची और मामले की जांच की। जांच में पता चला कि ये महिलाएं खनपुरा गांव से आयी थी। हालांकि महिलाओं के भाग जाने की वजह से यह पता नहीं चल सका कि वो कौन थीं।

गौरतलब है कि शासन की ओर से प्रसूता सहायता के लिए 16 हजार रुपये की राशि दी जाती है। ये राशि शासन प्रसूता के खाते में जमा करवाता है। इसी राशि को हड़पने के लिये आटे का बना हुआ मृत बच्चा लेकर ये महिलाएं अस्पताल में आईं थीं। अस्पताल प्रबंधन जननी एक्सप्रेस के चालक के जरिये उन महिलाओं का पता लगाने का प्रयास कर रहा है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार